Saturday, August 14, 2010

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा- हमारा, हम बुलबुलें है इसकी ये गुलसितां हमारा- हमारा.....    
  आज़ादी का ये दिन, आज़ादी का जश्न और हमारी शान तिरंगा जिसका हरा, नीला और केसरिया रंग हमारे दिलों में बसता है. जब हम विजयी होते है तो इसकी शान बढ़ जाती  है, मगर यदि कही पर हम गिरते है तो ये अपना सर ऊँचा रखकर हमारी शान को कम नहीं होने देता है. हमारा देशा दुनिया के हर कोने में हमें उत्त्साह दिलाता है और जब- जब तिरंगा फेहराता है एक सैलाब आता है. आज भारत यू सजा  है जैसे कोई दुल्हन, हर तरफ रौशनी है,लाल किले पर फेहराता ऐसा लगता है जैसे हर कोई उसके नाचे सुरक्षित  है. वीर जवानों ने इसकी अपने  खून से रक्षा की है और हमें इसकी हिफाज़त करनी है.
मैंने हमेशा देखा है की कितने भी हम एक दुसरे से अलग क्यों न हो, मगर तिरंगे के लिया एक साथ अपनी जान भी दे सकते है. कितनी शक्ति और आकर्षण है इसमें की जब भारत माता इसे धारण करती है  है तो ऐसा लगता है जैसे माँ दुर्गा का एक रूप हो, जिसने गाँधी  जी,भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, लाला लाजपत राय, सुखदेव, रानी लक्ष्मी बाई, चाचा नेहरु जैसे महापुरुषों  को जन्म दिया. जिन्होंने हमारे देश को एक मजबूत नीव  दी जिसपर खड़े होकर हम उन्नति कर रहे है. हम उनके जैसे तो शायद नहीं बन सकते मगर वो तो बन ही सकते है जैसा वो हमें बनाना चाहते थे, देश को आगे बढाने वाला एक सच्चा हिदुस्तानी.
मुझे भारतीय होने पर गर्व है और गलत कहते है वो जो कहते है की भारत सोने की चिड़िया था क्युकि  
भारत सोने की चिड़िया था, सोने की चिड़िया है और हमेशा सोने की चिड़िया रहेगा.
                     

No comments:

Post a Comment