Friday, December 28, 2012

mere pass shabd nahi hai........

मेरे पास शब्द नहीं है की मै  कोई संवेदनाये व्यक्त कर सकू और कहू  की इश्वर उसकी आत्मा को शांति दे या फिर कानून में बदलाव  आयेगा। क्योंकी ये सारी बातें नेताओ और सेलेब्रिटीज के कहने के लिए होती है और उनके ये शब्द हर एक जगह  के लिए सुरक्षित होती है। पार्लियामेंट से लेकर अपने भाषण में वे पूरे साल सिर्फ यही तो करते है इसके सिवा कुछ सही कार्य कर लिए जाये तो ये कहने की नौबत ही नही आयेगी।
मुझे ये बताये की क्या मिलेगी उसकी आत्मा को शांति ? क्या इतना सब झेलने क बाद मिल सकती है उसकी आत्मा को शांति? और उसकी आत्मा को शांति मिले न मिले मगर अपने शब्दों के द्वारा ये बात कहने के बाद इन नेताओ की आत्मा तो शांत हो जाएगी न। जितनी विभत्स ये मौत नहीं है उससे ज्यादा वीभत्स तो हमारा समाज है और हमारी न्यायशैली है। 
वो वक़्त पता नहीं कब आयेगा जब हम इस गंदे समाज के चेहरे को उखाड़ फेकेंगे और तब तक कितनी जिन्दगियाँ  तबाह हो जाएँगी। आज  पूरे देश को रटी हुई शोकसंवेदनाओ की बिलकुल भी जरुरत नहीं है।
इस दुनिया का एक और भी नियम है की आप कभी इन्साफ पा नहीं सकती उसे लेना पड़ता है , अब यह पूरी तरह से हम  पर भी निर्भर करता है की आज इस नरकीय परिस्थिति में हम क्या सोचते है, क्या करते है और कब तक  उस पर अडिग खड़े रहते है ?  हर पल बीतता हुआ समय हमारी दिशा नहीं तय  करेगा बल्कि हमें उसको दिशा देनी है। इस मौत से खड़े तूफ़ान को धीरे धीरे मगर लगातार और पूरी ताकत से आगे बढ़ना होगा साथ ही अपनी आसपास पूरी सतर्क निगाह भी रखनी होगी क्योंकी जो सोच आदमी को जानवर बना चुकी है वो आप पर कभी कभी हमला कर सकता है। ये हमें मान लेना होगा की अपने लिए खुद लड़ना ही है इसके सिवा अब कोई रास्ता नहीं बचा है क्योंकी इस  हैवानियत को ख़त्म करने के लिए कोई खुदा जन्म नहीं लेगा , कोई फ़रिश्ता नहीं आयेगा। 
 

1 comment:

  1. Dear Arpita tumne apni in lines me sab kah diya..ab shabd nahi kuch kahne ko :-(
    .....इस मौत से खड़े तूफ़ान को धीरे धीरे मगर लगातार और पूरी ताकत से आगे बढ़ना होगा साथ ही अपनी आसपास पूरी सतर्क निगाह भी रखनी होगी क्योंकी जो सोच आदमी को जानवर बना चुकी है वो आप पर कभी कभी हमला कर सकता है। ये हमें मान लेना होगा की अपने लिए खुद लड़ना ही है इसके सिवा अब कोई रास्ता नहीं बचा है क्योंकी इस हैवानियत को ख़त्म करने के लिए कोई खुदा जन्म नहीं लेगा , कोई फ़रिश्ता नहीं आयेगा।

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