Monday, September 14, 2015

कुछ शब्द जो हमारे होंठो के बीच में गूँज के रह जाते है, कई बार हम उनका मतलब खुद  नहीं जानते पर हमारा मन सब जनता है.

We trust God, God trust us........ i never try to be a better human being, spread love and happiness. Every time i think about myself  "i  confused". About my behaviour, my thinking and my words.
What i am going to do and what i am actually doing. No margins for me.... I am a runner, actually everybody is a runner but in different ways. But me is a total mess!!!!

From years i m here on earth, moving round and round like life, no destination only rounds.
People here are yelling, screaming, laughing, fighting even murdering, but finally doing nothing, giving nothing, and getting nothing........

Is there anyone?

God please don't trust us,, help urself .

Friday, April 17, 2015

I have all the way to write my future

खूब निभेगी हम दोनों में , मेरे जैसा तू भी है।  थोड़ा झूठा मैं भी ठहरा ,थोड़ा झूठा तू भी है।
जंग आना की हार ही जाना बेहतर  है अब लड़ने से, मैं भी हूँ टूटा टूटा सा , बिखरा बिखरा तू भी है।

I am not a very "shero shayari " type person,,, actually i am not. But sometimes they make me feel smile. I live in past ,,in dreams mostly. And i always think may be i could change them, rub them, write something new, my destiny ,,the way i wanted it. But what matters is the present.

 I have all the way to write my future, color it, sketch it..but what i want is to change what was never i could.

chandaniya toh baras fir kyu mere hath andhere lg gaye re re...... jism ye kya khokhli sipi rooh ka moti hai tu..o mahiya tere sitam tere karam dono lootere lag gaye reee.
Most of the people do exactly what i am trying.... but from now i decided to outline something new, a colour of  fortune that describes me.  That dosent means i am actually able to ,,i am just trying, may be i could may be not :).

Monday, April 6, 2015

ए जिंदगी पीछे खींच मुझको .................................

ए जिंदगी पीछे खींच मुझको की मेरी परछाइयाँ मुझे बुलाती हैं , मैं जाना तो नहीं चाहती हूँ  मगर वो अक्सर मुझे रुलाती है।  एक वक़्त था जब सौगातों से भरा था मेरा दामन आज बस आग  है जो उस दामन को जलाती है।

I accepted the way my life is, actually everyone accepted the way it goes bcaz there is nothing we can do with it. And when it comes to me, my life was great in way that i thought why God choosen me for the best.

It was all fake,, one day that dream breaks someone stole my heart beats. Everyone comes to know that truth of life misery , may be after that you will be more alert but your soul never accepts that change of pain.
In life struggling going on,, sometime ups sometime downs but what i think what for we are running ??

For love, marriage, children, money, luxury, parents............... My soul is restless and a ques WHY ME?

मैंने अक्सर वो ख़्वाब देखे जिन्हे पूरा ना होना था , खो गए वो जज़्बात जिन्हे खोना ना था। 
हर पल ढूढ़ती है मेरी नज़र उन रास्तों को ,  जिन पर अब किसी को होना ना था।

Wednesday, August 7, 2013

hamari ladai me aanch tak nahi hai

कितनी अजीब बात है की हम स्वतंत्र है फिर भी गुलाम है , आज़ाद है फिर भी बंधे हुए है।  हमारे अधिकारों की तो कमी ही नहीं है परन्तु हमें अधिकार देने वाले है ही नहीं।  और इन्ही हालातों के बीच हम आम जनता बने देखते रहते है जबकि हमारी लड़ाई  में वो आग तक नहीं है जो आंच  भी दे फिर बदलाव की चिंगारी कैसे भड़केगी।
ये विचार है तो अजीब और शायद तर्कसंगत भी न लगे फिर भी सोचती हूँ की जब सतवंत सिंह ,  बियंत सिंह , और नाथूराम  जैसे लोगों की देश को सबसे ज्यादा जरुरत है तो  हिंदुस्तान की आम जनता सिर्फ  रो रही है। मैं इन हत्याओं  का समर्थन नहीं करती हूँ मगर आज हमारे देश में हर राजनेता इन हत्याओं को कर रहा है और हम चुप रह कर इनका समर्थन कर रहे हैं। 

इन लोगों ने जिन महान व्यक्तियों  को मारा , उनसे जरुर अपार नफरत  रही होगी इनकी , मगर हमारे तो जख्म और नफरत उससे भी कही ज्यादा आगे निकल चुकें  है फिर भी हमारे में आज तक कोई आग नहीं पैदा हो सकी है। 

जैसा आज हो रहा है और जैसा कल हुआ था उस पर अचानक ही ऐसा बवंडर उठता है जैसे की सारी गलतियाँ सुधार ली जाएँगी। हर एक घटना पर इतना शोक व्यक्त हो जाता है इतने कठोर कदम उठा लिए जाते है , जैसे की अब भारत एक दम सुरक्षित है और हर एक नेता गंगा नहा चुका है। ये भी बड़ी बात नहीं है , बड़ी बात तो ये है की की हमे ये मालूम है की क्या होना है , और हमारे साथ क्या हो रहा है फिर भी हम इंतज़ार  कर रहे है। सिर्फ इंतज़ार न जाने किस बात का।   

achanak laga ki ye andhera ek UuRJA hai..............

ज़िन्दगी में कभी कभी आप अपने आप को बिलकुल अँधेरे में महसूस करते है , एक घना गहरा अँधेरा और तब सारी  उम्मीदें मर जाती है और ऐसा  लगता है जिसके बाद अब कभी सुबह नहीं होगी।

मुझे भी ऐसा ही महसूस होता था मगर अचानक लगा की ये अँधेरा ऐसी उर्जा है जिसमे अनगिनत किरने कैद है। क्यूंकि जब आप अपने आस पास इतना अँधेरा महसूस करते है तो आपकी सारी अन्य इन्द्रियां काम करने लगती है , ऐसे समय में मुझे सब कुछ आसान लगता है क्यूंकि तब उसमे गलत होने की कोई गुंजाईश ही नहीं होती है। काले पर और कौन रंग चढ़ेगा, और फिर जब मैं इस अँधेरे में कुछ वक़्त गुज़ार लेती हु तो मुझे सब कुछ साफ़ दिखने लगता है।

उर्जा से मिलती है शक्ति और फिर इंतज़ार होता है समय की घड़ियों के अपनी जगह से सरकने का। मैं  अक्सर सोचती हूँ  की हर पल कैसे जिया जा सकता है दुखों  के साथ, हर पल एक नई मुसीबत और फिर कोई हल नहीं। मगर अगर इसी अँधेरे में घुल जायेगा आपका दिमाग, तो आते है  नये विचार और फिर से शुरू होता है नया सफ़र , वही पुराना सफ़र मगर नयी शुरुआत के साथ। मगर कुछ समय के लिए क्यूंकि फिर से यही काले अँधेरे की उर्जा लौट के आती है।

मैं इसे ज़िन्दगी की मजबूरी कहती हूँ , वक़्त कहती हूँ , स्वाद कहती हूँ , रंग कहती हूँ , मौसम  कहती हूँ।

Wednesday, April 24, 2013

"WHY THEY DO SO"

Arushi Murder Case

Arushi and Hemraj were murderd in May 2008 and from then court procedure was going on in which her own parents are found guilty.
Its shocking as well as awful to think that parents killed their own child but a question is raise here that "WHY THEY DO SO" ...precisely they get punishment and from here another side of the mirror turns around..

A MArk!!! The punishment is for What they have Done OR The Way They Have Done ?
Arushi Was murdered because her parents love her,,,,,, no doubt they give her all comforts but one huge mistake of that girl and that servant took their and her parents life too.

                                                                              It is to think that Is this a case of cold blooded murder ? or A case of the parents who cannot control themselves seeing their daughter making joke of their love and affection ?

sometimes u miss,,,,,,,,,,,,

हमने अगर मुहब्बत के चेहरे से पर्दा उतारा न होता, तो वो झूठ जो कभी हमारा आशियाँ था ,
आज भी वो हमारा होता।।
बेख़ौफ़ चलते रहते  हर राह पे हम, अगर एक दिन यूँ सच का नज़ारा न होता।
कितने मशगूल थे हम खिलखिलाने में, की जिनके साथ रोने का भी सहारा न होता ,,,,,
कागज़ की कश्ती थी ये जिंदगानी जो डूब ही जानी थी ,,,,,,,,,,अगर इस जहाँ में कोई हमारा ना  होता।।।।।।